भाग II
सामर्थ्य की कसौटी
13. महाराष्ट्र प्रांत के निर्माण के विशिष्ट प्रश्न पर विचार करते समय इस बात की संतुष्टि कर लेना आवश्यक है कि यह प्रांत क्षमता की दृष्टि से समर्थ प्रांत होगा या नहीं। किसी भी प्रांत को सक्षम प्रांत घोषित करने से पहले उसे कुछ कसौटियों पर खरा उतरना पड़ता है। कसौटियां ये हैं उसका एक निश्चित आकार हो, उसकी जनसंख्या एक निश्चित मात्रा से कम न हो तथा उसका राजस्व इनका समानुपाती हो। वह प्रांत न केवल आत्म-निर्भर होना चाहिए, आत्म-निर्भर तो कोई भी प्रांत अपने स्तर को घटाकर भी हो सकता है, अपितु उसका राजस्व भी पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए, ताकि वह कार्यक्षमता की दृष्टि से वांछनीय तथा सामाजिक कल्पना की दृष्टि आवश्यक न्यूनतम प्रशासनिक मानक बनाए रख सके ।
क्या महाराष्ट्र समर्थ है ?
14. क्या महाराष्ट्र प्रांत इन कसौटियों पर खरा उतरता है? भाषायी आधार पर बने महाराष्ट्र प्रांत के आकार और उसकी जनसंख्या से संबंधित आंकड़े अगले पृष्ठ पर दिए जा रहे हैं
महाराष्ट्र का क्षेत्रफल और उसकी जनसंख्या
15. अगले पृष्ठ पर दी गई सारणी में महाराष्ट्र प्रांत संबंधी जो आंकड़े दिए गए हैं, वे उसके दो रूपों से संबंधित हैं :
(1) संक्षिप्त रूप, और (2) विस्तृत रूप विस्तृत रूप से तात्पर्य यह है कि यदि सभी मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर एक प्रांत बना दिया जाए, तब तो महाराष्ट्र का कुल क्षेत्रफल 1,33,466 वर्ग मील हो जाएगा और तब उसकी कुल जनसंख्या होगी 2,15,85,700, संक्षिप्त रूप से तात्पर्य यह है कि एक क्षण के लिए मान लो अन्य राज्यों के मराठी भाषियों की जनसंख्या और उनके क्षेत्रफल को छोड़ दिया जाए, तब भी प्रस्तावित महाराष्ट्र प्रांत का क्षेत्रफल 84, 151 वर्ग मील होगा और उसकी जनसंख्या 1,54,33,400 होगी।
महाराष्ट्र का राजस्व
16. महाराष्ट्र प्रांत के राजस्व के बारे में यह अनुमान लगाया गया है कि कराधान की वर्तमान दरों को ध्यान में रखते हुए संक्षिप्त महाराष्ट्र प्रांत का कुल वार्षिक राजस्व लगभग रु. 25,61,51,000 होगा।
महाराष्ट्र के अन्य प्रांतों से तुलना
17. अमुक आकार वाला, अमुक जनसंख्या वाला और अमुक राजस्व वाला प्रांत सक्षम माना जा सकता है या नहीं, यह जानने के लिए उसकी तुलना कुछ राज्यों से की जा सकती है। इसके लिए मैं नीचे आकार और जनसंख्या की दृष्टि से संयुक्त राज्य अमरीका के पहले, अर्थात् सबसे बड़े और सैंतालीसवें, अर्थात् सबसे छोटे राज्य के आंकड़े प्रस्तुत कर रहा हूं :
राज्य | क्षेत्रफल |
पहला टैक्सास | 2,67,339 |
सैंतालीसवां डेलावेअर | 2,057 |
राज्य | क्षेत्रफल |
पहला न्यूयार्क | 1,26,32,890 |
सैंतालीसवा व्योमिंग | 2,57,108 |
भू-भाग |
क्षेत्रफल
|
कुल जनसंख्या | कुल मराठी - भाषी जनसंख्या |
कुल जनसंख्या के अनुपात में मराठी भाषियों का प्रतिशत |
बंबई प्रेसिडेंसी के बाहर जिले |
47,284 | 1,29,13,544 | 1,00,45,100 | 77.8 |
मध्य भारत और बरार के आठ जिले |
36,865 | 70,20,694 | 53,88,300 | 76.7 |
योग | 84,151 | 1,99,34,238 | 1,54,33,400 | 76.4 |
बंबई प्रेसिडेंसी के अंतर्गत राज्य |
11,314 | 22,20,207 | 21,20,700 | 77.9 |
हैदराबाद राज्य के मराठी भाषी जिले |
22,766 | 42,49,272 | 32,99,300 | 77.6 |
गोआ | 1,534 | 5,80,000 | 5,20,000 | 89.6 |
बस्तर राज्य | 13,701 | 6,33,888 | 2,12,300 | 33.5 |
योग | 49,315 | 81,83,367 | 61,42,300 | __ |
कुल योग | 1,33,466 | 2,81,17,605 | 2,15,85,700 | 76.8 |
18. ऊपर दिए गए आंकड़ों से महाराष्ट्र (चाहे उसके संक्षिप्त रूप से तुलना करें, चाहे विस्तृत रूप से) की तुलना करने पर स्पष्ट हो जाता है कि महाराष्ट्र प्रांत संयुक्त राज्य अमरीका के क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटे राज्य की तुलना में कई गुना बड़ा ठहरता है। इसी तरह संयुक्त राज्य अमरीका के ही जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य न्यूयार्क से तुलना करने पर भी वह बहुत बड़ा होगा।
19. भारत के ही अन्य वर्तमान और संभावित भाषावार प्रांतों से महाराष्ट्र की तुलना करना भी उपयोगी होगा। क्षेत्रफल, जनसंख्या और राजस्व की दृष्टि से उनकी
स्थिति इस प्रकार है :
प्रांत | क्षेत्रफल | जनसंख्या | वार्षिक राजस्व |
वर्तमान भाषावार प्रांत |
|||
संयुक्त प्रांत | 106,247 | 5,50,20,617 | 32,65,08,000 |
बिहार | 69,745 | 3,63,40,151 | 16,26,78,000 |
उड़ीसा | 32,198 | 82,28,544 | 4,60,62,000 |
नए भाषावार प्रांत |
|||
आंध्र | 70,000 | 1,90,00000 | --- |
कर्नाटक | 25,000 | 45,00,000 | --- |
केरल | 6,000 | 35,00,000 | --- |
उपर्युक्त आंकड़ों की महाराष्ट्र के आंकड़ों से तुलना करने पर इस बात में किसी प्रकार का संदेह नहीं रह जाता है कि महाराष्ट्र न केवल एक सक्षम प्रांत होगा, बल्कि वह क्षेत्रफल, जनसंख्या और राजस्व की दृष्टि से भी एक सबल प्रांत सिद्ध होता है।