सर्वे - 27 मई तक जारी रहेगा, ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से किया जा रहा
भुवनेश्वर,- ओडिशा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित बहुप्रतीक्षित सर्वेक्षण सोमवार को शुरू हो गया. अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से किया जा रहा यह सर्वेक्षण 27 मई तक जारी रहेगा. यह सर्वेक्षण राज्य के सभी 314 ब्लॉक और 114 शहरी स्थानीय निकायों में किया जा रहा है. ओडिशा ओबीसी सर्वेक्षण करने वाला बिहार के बाद दूसरा राज्य है. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण में पिछड़ेपन के विभिन्न संकेतक शामिल किए गए हैं जिसमें ओडिशा में पिछड़ेपन की सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का भी पता लगाया जाएगा. आयोग ने सभी आंगनवाड़ी और विभिन्न पीडीएस केंद्रों में भी शिविर खोले हैं जहां समुदाय के लोग अपना विवरण जमा कर सकते हैं और सर्वेक्षण संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं.
अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध ओबीसी समुदायों की सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का पता लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके बाद यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा कि राज्य में संबंधित समुदायों के सभी व्यक्तियों का सर्वेक्षण हुआ है या नहीं. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण का उद्देश्य ओडिशा में पिछड़े वर्गों के लोगों की वर्तमान सामाजिक और शैक्षिक स्थिति की तस्वीर प्राप्त करना है. ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रघुनाथ बिस्वाल ने कहा कि सर्वेक्षण के दायरे में कुल 230 समुदाय आएंगे.
कोई परिवार छूट जाता है, तो उसे बाद में शामिल किया जाएगा
उन्होंने कहा कि अगर कोई परिवार छूट जाता है, तो उसे बाद में शामिल किया जाएगा. इस बीच, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कवायद के तरीके को लेकर सरकार पर निशाना साधा और इस अभियान को लोगों को धोखा देने का नाटक करार दिया. भाजपा ने मांग की कि सर्वेक्षण अलग-अलग शिविरों में कराए जाने की जगह घर-घर जाकर किया जाना चाहिए. भाजपा की प्रदेश इकाई के ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष सुरथ बिस्वाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पिछड़े वर्ग की सूची को अद्यतन नहीं करके ओडिशा में 54 प्रतिशत लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर रही है. बिस्वाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए ओबीसी सर्वेक्षण के नाम पर नाटक कर रही है. दूसरी ओर, राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने कहा कि सर्वेक्षण नीतियों को अधिक प्रभावी बनाने, पिछड़े वर्गों का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने और उनकी सामाजिक एवं शैक्षिक स्थिति में सुधार के लिए किया जा रहा है.
Satyashodhak, obc, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan