राष्ट्रीय एससी / एसटी आयोग को छह साल भी हक मारी की जांच रिपोर्ट शासन ने नहीं भेजी। उक्त मसला सन् दो हजार सोलह में आयोग ने पाया कि ओझा और नायक जनजाति उत्तर प्रदेश का जाति प्रमाणपत्र हासिल कर चार हजार तीन सौ इकतालीस ब्राह्मण उच्च जाति ने एसटी का प्रमाणपत्र हासिल कर नौकरी कर रहे हैं। शिकायत पर एससी/एसटी आयोग ने उत्तर प्रदेश शासन से जनजाति अधिकार का दुरुपयोग कर लाभ लेने वालों की जांच कर, जांच की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी शासन भेजे आदेशित किया, जिसकी जांच तत्कालीन समाज कल्याण सचिव सुनील कुमार ने की। जिस पर पाया कि यह घुमंतु जनजाति ओझा और नायक बारह जिलों में है। जिसमें बस्ती जिले में 2001 की जाति जनगणना में केवल सौ की संख्या थी। महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, देवरिया, मिर्जापुर, वाराणसी, बलिया, जौनपुर में है।