बिहार की तर्ज पर करें जातिवार जनगणना

राष्ट्रीय ओबीसी महसंघ के राजुरकर व फंड ने की मांग  

    चंद्रपुर, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की और से बिहार राज्य के तर्ज पर महाराष्ट्र राज्य में भी जाति निहाय जनगणना करने की मांग की. राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के महासचिव सचिन राजुरकर, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के मार्गदर्शक बबनराव फंड के नेतृत्व में अपर जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विपक्ष के नेता अजीत पवार, अंबादास दानवे, वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को मांगों का ज्ञापन भेजा. इसमें बताया गया है कि बिहार में जातिवार जनगणना शुरू हो गई है. जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल राज्य के विकास के लिए किया जाएगा. कई ओबीसी संगठन महाराष्ट्र में भी जातिवार जनगणना की मांग कर रहे हैं. यह मांग पिछले कई वर्षों से लंबित है. जनगणना केंद्र सरकार से संबंधित विषय है. हालांकि, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद रॉय ने लोकसभा में कहा है कि वह जातिवार जनगणना नहीं कराएंगे. Do a caste-wise census in Maharashtra on the lines of Bihar - Rashtriya OBC Mahasangh

शिंदे - फडणवीस सरकार इसे लागू करें

    जातिवार जनगणना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 9 जनवरी 2020 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा ऐसा प्रस्ताव रखा था. उस प्रस्ताव को विधानसभा में भाजपा, एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस सहित सभी दलों ने सर्वसहमति से मंजूरी दी थी. शिंदे फडणवीस सरकार इसे लागू करें. देश की जातिवार जनगणना को 90 वर्ष हो गए हैं. आजादी के बाद भारत सरकार ने केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनगणना की नीति अपनाई. इससे पिछड़ा वर्ग ओबीसी वंचित रह गया. वर्ष 1994 में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी जनगणना की आवश्यकता के बारे में सरकार को बार-बार आश्वस्त किया है.

100 सांसदों ने पारित किया था प्रस्ताव

    सांसद लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, गोपीनाथ मुंडे समेत 100 सांसदों ने ओबीसी जनगणना के लिए प्रस्ताव पारित किया. इसमें से केंद्र ने 2011 से 2016 तक सामाजिक और आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी 2011) कराई. लेकिन इसके आंकड़े घोषित नहीं किए गए. 31 अगस्त 2018 को देश के तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2021 की राष्ट्रीय जनगणना जातिवार कराने का वादा किया था. देश में अभी वर्ष 2021 की नियमित जनगणना शुरू होनी बाकी है. हम लगातार मांग करते रहे हैं कि इसमें जातिवार गणना की जाएं. राज्य सरकार को बयान दिया गया कि महाराष्ट्र सरकार को बिहार की तरह जातिवार जनगणना करानी चाहिए. प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के रामराव हरडे, नेशनल ओबीसी स्टूडेंट फेडरेशन के रविंद्र टोंगे, युवा महासंघ के प्रकाश चालुलकर, गणेश आवारी, प्रशांत पिंपलशेंडे, भूवन चिने, अतुल मोहीतकर, रंगराव पवार, अभिषेक मोहुर्ले, रोहित मोहुर्ले, नमिता पाटिल, सानिका लेनगुरे, अंजलि कौरासे, प्रेम वालके उपस्थित थे.

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