नागपुर - मंडल आयोग पुराना हो गया। अब नया आयोग लागू करें। ओबीसी, मराठा और आरक्षण मांगने वाले जाति समूहों को कब मिलेगा। इसके लिए एकजुट होकर जनआंदोलन उभारने की जरूरत है। यह आवाहन ओबीसी सेवा संघ के अध्यक्ष प्रदीप ढोबले ने किया ।
बानाई द्वारा आयोजित आर्थिक आरक्षण नीति पर आयोजित चर्चासत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में ढोबले बोल रहे थे। मंच पर राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नेता प्राचार्य डॉ. बबनराव तायवाडे, मराठा महासंघ के दिलीप घोडके, मानाई के राहुल पहलकर, प्राचार्य बोरकर आदि थे।
रास्ते पर लड़ाई लड़नी होगी : ढोबले ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की मांग का समय 1982 का था। तब हमें आरक्षण नहीं चाहिए था। मराठा समाज ने यह भूमिका ली थी। ओबीसी आरक्षण के कारण महत्वपूर्ण पदों पर ओबीसी दिखाई देने लगे। शेष पच्चास प्रतिशत जगह विशिष्ट वर्ग को मिलती है। जब यह समझ में आने लगा, तब से मराठा समाज आरक्षण मांगने लगा। सप्तबंदी के कारण विकास में पीछे रह गए। उनके लिए आरक्षण है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान विरोधी है। इसके विरोध में रास्ते पर लड़ाई लड़नी होगी ओबीसी की 200 जाति-जनजाति के 131 सांसद हैं। ये कोई काम के नहीं हैं। पहले न्यायालय ने मराठा आरक्षण खारिज किया। इसके बाद ईडब्ल्यूएस आरक्षण लाया गया। यह गलती उन पर ही भारी पड़ेगी।
प्राचार्य डॉ. बबनराव तायवाडे ने कहा कि 2014 से सत्ता में मनु व्यवस्था लाने का प्रयास किया जा रहा है। 100-200 लोगों ही जागृत है। हमारा ओबीसी समाज सोया है। व्हाइट कॉलर लोगों को जागृत करना होगा और यह आंदोलन से ही संभव है। इसके लिए ऐसे चर्चा सत्रों की आवश्यकता है। मराठा सेवा संघ के दिलीप खोडके ने कहा कि 10 प्रतिशत आरक्षण निषेध से खत्म नहीं होगा। 2014 में सामान्यों ने गलती की है। इसके विरोध में एकत्रित आना होगा। प्राचार्य बोरकर ने प्रास्ताविक किया।
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan