छत्तीसगढ़ में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर इससे वंचित किया जा रहा
रायपुर - छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि ओबीसी के आरक्षण में रोस्टर पद्धति व निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था बहाल करने बिहार स्टैंड मॉडल को केंद्र और राज्य सरकार को लागू करना चाहिए। पिछड़ा वर्ग आबादी के अनुसार ओबीसी संवैधानिक अधिकार पाने का हकदार है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण देकर इससे वंचित किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर व त्यागमूर्ति चंदापुरी के संघर्षों, नीतियों व सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि ओबीसी को आबादी के अनुसार 52 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्टैंड पर देशभर में जातिगत जनगणना ओबीसी को उनके आबादी के अनुसार सभी क्षेत्रों में 52 प्रतिशत आरक्षण व उनके सुरक्षा कानून को लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कर्माधाम प्रांगण में ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में त्यागमूर्ति आरएल चंदापुरी की 99वीं जयंती पर पिछड़े वर्गों के राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, वहीं अध्यक्षता अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी ने की।
संघ के राष्ट्रीय महासचिव एवं ओबीसी संयोजन समिति छा के संस्थापक शत्रुहन सिंह साहू ने कहा कि देश में और छत्तीसगढ़ में संस्थानों द्वारा तकनीकी व गैरकानूनी अड़चनें पैदा कर पिछड़े वर्गों के विकास तथा उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत पिछड़े वर्गों के आरक्षण को रोककर रखा गया है। अधिवेशन में इस मुद्दे पर पहले से छिड़ी बहस को राष्ट्रीय पैमाने पर लाने के लिए लाए गए प्रस्ताव को करतल ध्वनि से पारित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय महासचिव शत्रुहन सिंह साहू, प्रदेश अध्यक्ष हरीश सिन्हा, संरक्षक दिग्विजय सिंह कृदत्त सहित प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
अधिवेशन कार्यक्रम में संघ द्वारा देश में जातिगत जनगणना एवं पिछड़े वर्गों को मंडल आयोग के तहत आबादी के अनुसार 52 प्रतिशत आरक्षण लागू कराने के लिए प्रस्ताव लाया गया, जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया। इस प्रस्ताव के अलावा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी को अगले वर्ष तक बने रहने एवं सभी संगठनात्मक निर्णयों के लिए अधिकृत किए जाने का भी प्रस्ताव भी पारित किया गया।
अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी ने कहा कि एनडीए-1 की केंद्रीय सरकार द्वारा 2021 की जनगणना में ओबीसी की गणना कराने के आदेश के बावजूद जातिगत जनगणना न होना न केवल भ्रमात्मक व गलत है, बल्कि ओबीसी के साथ घोर बेईमानी, धोखाधड़ी और विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी देश में पिछड़े वर्गों की स्थिति मरणासन्न अवस्था में है, जिसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दी गई है। अब संघ चुप नहीं बैठेगा। यदि शीघ्र पिछड़े वर्गों को उनके आबादी के अनुसार 52 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया तो हम लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
राष्ट्रीय अधिवेशन को संघ के राष्ट्रीय प्रधान उपाध्यक्ष डॉ. एमए खान दिल्ली, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक संगीता भैयाराम सिन्हा, सीएल गंगवार यूपी, पूर्व मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल, उमेश नंदलाल साहू दिल्ली, अविनाश काकड़े महाराष्ट्र, प्रदीप ढोबले मुंबई, अनंतराम साहू, दिग्विजय सिंह कृदंत नागपुर, दीपक कुमार सिन्हा, संतोष कुर्मी असम, नरेश पटेल राजस्थान, शिवनारायण साहू, अशोक साहू शांति शाह पटना, रेखा दिनेश साहू छग आईआईटियन, डॉ. जितेंद्र पासवान पटना आदि विशिष्ट अतिथियों ने संबोधित किया तथा मंच संचालन नोहरलाल साहू व चेतन साखरे ने किया ।
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