धमतरी । अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय महासचिव एवं ओ.बी.सी. संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि 10 सितंबर शनिवार को देश के कोने-कोने मे धूमधाम से ओ.बी.सी. दिवस मनाने की तैयारी चल रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, धमतरी, कुख्द,दुर्ग,बस्तर, कवर्धा, बलौदा बाजार, बालोद, बिलासपुर, बटरेल, धमना, कलंगपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में ओ.बी.सी. दिवस मनाया जायेगा ।
अधिवक्ता शत्रुहन सिंह ने बताया कि आजादी के महज 25 दिन बाद 10 सितंबर 1947 को ही महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी त्यागमूर्ति आर. एल. चंदापुरी ने ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए आजादी की दूसरी संघर्ष की नींव रखी । जिसके प्रथम शहीद चूल्हाई राम साहू की कुर्बानी को याद करते हुए 10 सितंबर को ओबीसी दिवस मनाया जाता हैं। उन्ही कार्यों को आगे बढ़ाते हुए ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ विगत वर्षों से लगातार मंडल कमीशन के सभी सिफारिशों को लागू करवाने हेतु ओबीसी के अंतर्गत आने वाले सभी जातियों को एक झंडेके नीचे संगठित कर सभी सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों में ओबीसी को आबादी के अनुसार समान हिस्सेदारी एवम ओबीसी सुरक्षा अधिकार अधिनियम दिलाने के लिए जन-जागरण अभियान के माध्यम से प्रशिक्षण शिविर लगाकर ओबीसी को शिक्षित व जागृत करने का काम किया जा रहा है। अब तक 100 से अधिक प्रशिक्षण शिविर लगाया जा चुका है जिसका मकसद देश और प्रदेश में ऐसी स्थिति पैदा करना है कि ओबीसी के सामाजिक, राजनैतिक व बौद्धिक संगठनो को एक मंच में लाकर जाति प्रथा की सीढ़ीनुमा कुष्यवस्था को खत्म कर मौजूदा व्यवस्था में परिवर्तन लाया जा सके। तभी ओबीसी की समस्यायें दूर हो सकेगी और ओबीसी के सच्चे नेतृत्व का विकास होगा ।
समिति के पूर्णकालिक गोय प्रचारक ओबीसी टिकश्वर ने बताया कि 10 सितंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के ग्राम भखारा में ओबीसी दिवस का आयोजन कर पूरे देश में ओबीसी एकता का संदेश दिया गया था। जिसमें बताया गया था कि रामलखन चंदापुरी और चूल्हाई राम के आदर्शों पर चलकर ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आने वाले तमाम जातियों को मंडल कमीशन के नाम पर एक झंडे के नीचे संगठित कर उद्देश्य की प्राप्ति की जा सकती है।
प्रदेश अध्यक्ष हरीश सिन्हा ने कहा कि बहुसंख्यक ओबीसी समाज की समस्या ही देश की पुनर्निर्माण की समस्या है जिसके समाधान के लिए मंडल कमीशन को पूर्णत: लागू करने सहित 14 सूत्रीय मांगपत्र 26 जून 2022 को संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपा गया है। जिस प्रकार विशेषाधिकार का प्रयोग कर सामान्य वर्ग को आबादी के अनुसार 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। ठीक उसी तरह संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) में संशोधन कर ओबीसी के लिए भी 27 प्रतिशत आनुपातिक आरक्षण को बढ़ाकर आबादी के अनुसार 52प्रतिशत किया जाना चाहिए। कोषाध्यक्ष नोहर लाल, प्रदेश प्रवक्ता टिकेंद्र कुमार, केन्द्रीय कमेटी के नारायण लाल, समारू सिन्हा, शैलेंद्र कुमार, खिलावन पटेल, संजीव कुमार, शत्रुघन लाल, लुकेश कुमार, कृष्णा जैन ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1990 में व सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की पीठ ने 1992 में आंशिक रूप से 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था जिसे लागू ना कर छत्तीसगढ़ के 52 प्रतिशत आवादी वाले ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत की जगह केवल 14 प्रतिशत दिया जा रहा है जो ना कवल गैरसंवैधानिक है बल्कि देश की प्रगति, एकता, संविधान व लोकतंत्र के लिए भी खतरा है।
पण्डित घनश्याम प्रसाद, राम लाल गुप्ता, विष्णु श्रीवास, इंजि.के. आर. कुल्हाड़ा, चोषाराम, प्रभुदयाल, भीखम लाल ने बताया कि देश को अखंड और सोने की चिड़िया बनाने के उद्देश्य से ओ.बी.सी. संयोजन समिति द्वारा ओबीसी समाज को शिक्षित जागृत और संगठित करने के लिए चलाया जा रहा कैडर कैंप में तन, मन, धन, समय, श्रम व सभी साधनों से सहयोग दें।
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan