चंद्रपुर सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के संबंध में सुनाए गए निर्णय से ओबीसी वर्ग में हर्ष की लहर है। इस फैसले का स्वागत समस्त ओबीसी समुदाय की ओर से ओबीसी नेता डॉ. अशोक जीवतोडे ने किया है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में डॉ. जीवतोडे ने कहा कि, मविआ द्वारा नियुक्त बांठिया आयोग की रिपोर्ट 20 जुलाई को स्वीकार करके महाराष्ट्र में ओबीसी को पिछड़ा मानते हए ओबीसी समाज को 27 प्रश राजनीतिक आरक्षण देने तथा स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव दो सप्ताह में घोषित करने की बात सुको द्वारा कही जाने से समस्त ओबीसी समुदाय में खशी की लहर है। डॉ. जीवतोडे ने कहा कि. शरद पवार के प्रयासों से मिले 27 प्रश आरक्षण को 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मान्य किया। इसके पूर्व समय-समय पर मविआ सरकार व उसमें शामिल कांग्रेस के द्वारा अपनाई गई भूमिका के कारण आरक्षण मिलने में सफलता मिली है। बांठिया आयोग ने अपनी रिपोर्ट में 37 प्रश ओबीसी की जनसंख्या दर्शाई है, जो कि स्वीकार करने योग्य नहीं है, इसलिए ओबीसी अभियान के माध्यम से ओबीसी की जनगणना हो तथा ओबीसी पर होने वाले अन्याय के लिए समाज बांधव अपनी आवाज उठाएं, ऐसा जीवतोडे ने कहा। इसी तरह केंद्र में स्वतंत्र ओबीसी मंत्रालय स्थापित किया जाए। राज्य व केंद्र सरकार ओबीसी की न्यायसंगत मांगों को मान्य करे, ऐसी अपेक्षा उन्होंने जताई। इस मांग का समर्थन राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबन तायवाडे, महासचिव सचिन राजुरकर, जिलाध्यक्ष प्रा. नितिन कुकडे, विजय मालेकर, संजय सपाटे, प्रा. अशोक पोफले, संजय बर्डे, ज्योत्सना राजुरकर, शारदा नवघरे, रवि वरारकर, लीलाधर खांगार, वसंता भोयर, संतोष बांदुरकर, वी.टी. पोले, विजय पिदुरकर, राजू निखाडे, नितिन खरवडे, अरुण जोगी, प्रणव उलमाले ने किया है।
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan