अधिसूचना जारी, एक माह की तैयारी के बादशुरू होगी गिनती
पटना - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में बहुत अच्छे ढंग से जाति की गणना की जायेगी. राज्य के बाहर रहने वाले बिहारियों की भी जानकारी लेकर उनकी गणना की जायेगी. सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना हो जायेगी तो चाहे किसी धर्म, जाति, मजहब के हों, अपर कास्ट, बैकवर्ड, दलित, आदिवासी, सबके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी, इधर, सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने जाति आधारित गणना की अधिसूचना जारी कर दी.इस पर 500 करोड़ खर्च होंगे,
कोई भी किसी धर्म का हो उसकी आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलेगी और उसको बेहतर करने के लिए काम किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना को लेकर राशि उपलब्ध करा दी गयी है. एक महीने की तैयारी के बाद जाति आधारित गणना का काम शुरू हो जायेगा. बिहार में सर्वसम्मत से जातीय गणनाकी बात हुई है. सामान्य प्रशासन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है. सीएम ने कहा कि 1990 से ही हम कह रहे हैं कि एक बार जाति आधारित गणना होनी चाहिए.
अनुभवी लोगों की ली जायेगी सहायता
सीएम ने कहा कि अभी अधिकारियों के साथ इसको लेकर एक-दो मीटिंग और करेंगे कि तेजी से काम होसके. वैसे लोगों को भी इसमें शामिल किया जायेगा, जो पिछले किसी जनगणना कार्य में लगे हुए थे या उसका अनुभव रखते है.
चार से पांच साल में बिहार में प्रजननदर दो पर पहुंच जायेगी
जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसरकार मेंहमलोगआये थे तो प्रजनन दर 4.3थी जो अब घटकर तीन पर आ गयी है.हमलोग जो काम कर रहे हैं उसको जारी रखेंगे तो चार-पांच साल में प्रजननदर दो पर पहुंच जायेगी.सीएम ने कहा कि सिर्फ नियम और कानून बना देने से कुछ नहीं होता है काम ऐसा हो कि सभी लोग उसे करने लगे. चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि जबहमवहां गये थे तो वहां भी इसके संबंध में अनुभव मिला था.
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan