रैली निकाल अंबेडकर चौक मे बीच सड़क पर बैठकर किया धरना प्रदर्शन
बालाघाट - सुप्रीम कोर्ट के पहले आये बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय और पंचायत चुनाव कराये जाने के आदेश के बाद ओबीसी वर्ग की नाराजगी को लेकर ओबीसी महासभा ने आंदोलन की रणनीति तैयार की थी लेकिन फिर रिव्यु पीटिशन के माध्यम से माननीय न्यायालय में गई सरकार और आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही फैसला बदलते हुए 50 प्रतिशत आरक्षण से ज्यादा नहीं का निर्णय देकर ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराये जाने का आदेश दिया था लेकिन ओबीसी महासभा का कहना है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की तरह 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग कर रही है जिसको लेकर ओबीसी महासभा ने 21 मई को धरना प्रदर्शन किया और रैली निकाली। इस दौरान शव यात्रा निकालकरपुतला दहन कार्यक्रमको पुलिस ने विफल कर दिया ।
नगर के अंबेडकर चौक में धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार और पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष के खिलाफजमकर नारेबाजी की। इस दौरान जहां ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग अध्यक्ष बिसेन पर जमकर निशाना साधा तो वही उन्होंने ओबीसी की जनगणनाना करने और ओबीसी वर्ग के सही आंकडेकोर्ट में पेश ना करने का आरोप लगाते हुए शिवराज सरकार और आरएसएस पर राजनीतिक रूप से ओबीसी को खत्म करने का आरोप लगाया। ओबीसी महासभा ने शहर में रैली निकाली जिसमें युवाओं ने हाथों में तख्ती लेकर ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग की। रैली काली पुतली चौक से पुनः अंबेडकर चौक पहुंची जहां रैली में शामिल युवाओं ने अंबेडकर प्रतिमा के नीचे सड़क पर बैठकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।
एनएसूआई जिलाध्यक्ष एवं युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष दयाल वासनिक ने कहा कि प्रदेश सरकार ओबीसी, एससी-एसटी के आरक्षण को खत्म कर उन्हें कुचलना चाहती है। सरकार आरक्षण को लेकर गोलमोल जवाबदेरही है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का फैसला लिया था लेकिन भाजपा सरकार 14 प्रतिशत ही आरक्षण दे रही है। सरकार और आयोगद्वारासही रिपोर्ट पेश नहीं किये जाने के कारण मान. न्यायालय से आरक्षण के आधार पर चुनाव के आदेश के बाद भी ओबीसी को वह लाभ नहीं मिला जिसका ओबीसी वर्ग हकदार है।
ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभलोधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस आरक्षणको खत्म करना चाहती है और इसी साजिश के तहत पहले ओबीसी आरक्षण के साथ ऐसा किया गया है। सही तरीके से माननीय न्यायालय में आयोग ने ओबीसी के प्रदेश में आंकड़ो को लेकर रिपोर्ट पेश नहीं की जिसके कारण ओबीसी को मिलने वाला उसका हक कम हो गया है। मान.न्यायालय के आदेश के बाद भी ओबीसी वर्ग को वह लाभ नहीं मिलेगा। हमारी मांग है कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा ओबीसी को दिये गये 27 प्रतिशत आरक्षण को चुनाव के साथ ही अन्य सुविधाओ में दिया जायें।
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan