गडचिरोली - ओबीसी का स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं का आरक्षण बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने स्थानीय स्वराज्य संस्था निहाय समर्पित आयोग गठित किया है. आयोग ने राज्य के नागरिक, संस्था, संगठना व पंजीकृत राजनीतिक दल से 10 मई तक अभिवेदन व सूचना मंगाए गए थे जिसके तहत गडचिरोली जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि व सामाजिक संगठनों की ओर से राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रा. शेषराव येलेकर के नेतृत्व में जिलाधिकारी के मार्फत सूचना व शिफारिसे आयोग को भेजे गए हैं. राज्य सरकार ने इम्पिरिकल डाटा समय पर पेश नहीं करने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द बदल निश्चित किया है. स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण कायम रहे, इसके लिए स्थानीय स्वराज्य संस्था निहाय राजनीतिक पिछड़ेपन के स्वरूप व परिणाम की जांच करने के लिए राज्य पिछड़ावर्गीय आयोग ने ओबीसी संगठन व पंजीकृत राजनीतिक दलों से सूचना व सिफारिसे मंगाए गए थे जिसके तहत जिले के विभिन्न राजनीतिक दल, ओबीसी संगठन व सामाजिक संगठनों की ओर से सूचना व सिफारिस निश्चित कर जिलाधिकारी के मार्फत आयोग को भेजे गए. इस समय शिवाजी शिक्षण प्रसारक मंडल के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ ओबीसी नेता अनिल म्हशाखेत्री, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रा. शेषराव येलेकर, जिलाध्यक्ष दादाजी चुधरी, कोषाध्यक्ष चंद्रकांत शिवणकर, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष तथा पार्षद सतीश विधाते, ओबीसी सेल के जिलाध्यक्ष पांडुरंग घोटेकर, अनुसूचित जाति सेल के जिलाध्यक्ष रजनीकांत मोटघरे, वसंत राऊत, विनीत पोरेड्डीवार, राकां के जिलाध्यक्ष रविंद्र वासेकर, ओबीसी सेल के जिलाध्यक्ष विनायक झरकर, कपिल बागडे, शिवसेना उपजिलाप्रमुख अरविंद कात्रटवार, विलास कोडापे, जय विदर्भ पार्टी के जिलाध्यक्ष तथा ओबीसी नेता अरुण मुनघाटे, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के सचिव हंसराज उंदीरवाडे, कृष्णा चौधरी, अशोक खोब्रागडे, राजन बोरकर, वंचित बहुजन आघाडी के बालू टेंभुर्णे, शेकाप के रामदास जराते, सामाजिक कार्यकर्ते विलास निंबोरकर उपस्थित थे.
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan