अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी को समाजिक न्याय मिलने के उद्देश्य से देश भर के ओबीसी संगठन ने एक होकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुधवार को धरना प्रर्दशन किया. जिसमें राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ, एआईओबीसीएसए, उत्तर प्रदेश और बिहार, एआईओबीसी एम्प्लाइज फेडरेशन, लायर्स फोरम फार सोशल जस्टीस, फोरम आफ कांस्टीट्यूशनल राइट्स फार इंडीजेनियस पिपल का समावेश था. प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. बबनराव तायवाडे ने बताया कि पूरे देश की प्रमुख ओबीसी संघटनाएं भारी तादाद में जंतर-मंतर पर एकत्रित हुई और संवैधानिक अधिकार दिलाने की मांग की.
ओबीसी समाज के विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन के दौरान देश में ओबीसी समाज की जाति निहाय जनगणना करने की मांग जोर-शोर से उठाई.साथ ही ओबीसी के लिए अलग मंत्रालय, क्रीमीलेयर को हटाने, 50 प्रतिशत तक आरक्षण की सीमा हटाने, न्याय पालिका में आरक्षण, शैक्षणिक संस्थाओं में भी आरक्षण लागू करने, पदोन्नति में आरक्षण देने, स्थानीय निकाय संस्था चुनाव में । आरक्षण देने, निजी क्षेत्र की सेवाओं में भी आरक्षण देने, वन पट्टे के लिए लगाई 75 वर्ष की शर्त हटाने आदि मांगें भी की गई.
आंदोलन के पश्चात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाहा. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सबलिकरण मंत्री डा. वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय पंचायत राज मंत्री कपिल पाटिल, केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री डा.भागवत कराड, ओबीसी संसदीय कमेटी के चेयरमैन राजेश वर्मा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन भगवानलालसाहनी, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार साहब को मागों का ज्ञापन दिया गया.धरना प्रदर्शन में सांसद बालू धानोरकर, राज्यसभा सांसद बदगुला लिंगा यादव तेलंगाना, पूर्व सांसद राजकुमार सैनी, हनुमंत राव, राष्ट्रीय ओबीसी महासचिव सचिन राजुरकर, तमिलनाइके करुणानिधि, आंध्रप्रदेश के शंकरराव, अतुल लोंढे, इंदरसिंह, सुभाष घाटे, प्रकाश भागरथ, सुषमा भड, कल्पना मानकर, शरद वानखेड़े, दिनेशचोखारे, शकीलपटेल, मुकेश कुमार नंदन, नरेश साव, रजनीश गुप्ता, सवकिन चंद राठोड़ आदि ने हिस्सा लिया.
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