जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में दो टूक कह दिया कि वह जातीय जनगणना नहीं करा सकता है । इसके बाद विपक्ष आक्रामक रूप से हमलावर हो गया है । आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है । आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि जनगणना में सांप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे गिने जाएंगे, लेकिन पिछड़े अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी । वाह ! उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बीजेपी एवं आरएसएस को पिछड़ों / अतिपिछड़ों से इतनी नफरत क्यों ? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा. इससे सबकी वास्तविक स्थिति का पता चलेगा । उन्होंने यह भी कहा कि बिजेपी एवं आरएसएस पिछड़ा / अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है । अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है । ऐसे लोगों का सामूहिक सामाजिक बहिष्कार हो ।