चंद्रपुर, ५ सितंबर २०२५: महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र देने के लिए २ सितंबर २०२५ को जारी किए गए शासकीय निर्णय (जीआर) के खिलाफ चंद्रपुर में ओबीसी समाज ने आक्रामक रुख अपनाया है। गुरुवार, ४ सितंबर २०२५ को दोपहर ३ बजे गांधी चौक में सैकड़ों ओबीसी कार्यकर्ताओं ने जीआर की प्रति जलाकर तीव्र विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इस निर्णय को ओबीसी आरक्षण पर हमला करार देते हुए इसे असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि ४८ घंटों के भीतर यह जीआर वापस नहीं लिया गया, तो राष्ट्रीय ओबीसी आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर का घेराव किया जाएगा और व्यापक ओबीसी महामोर्चा का आयोजन होगा।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हैदराबाद गजट के आधार पर मराठा समाज को ओबीसी प्रवर्ग में शामिल करने का निर्णय ओबीसी और विमुक्त समुदायों के हक्कों पर गंभीर आघात है। यह जीआर संविधान के अनुच्छेद १५(४) और १६(४) का उल्लंघन करता है, जो सामाजिक और शैक्षणिक मागासवर्गीय समुदायों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करता है। प्रो. अनिल डहाके ने बताया कि केवल शपथपत्र के आधार पर कुणबी प्रमाणपत्र देना राजस्व और सामाजिक न्याय विभाग के नियमों के खिलाफ है। इससे ओबीसी आरक्षण में अनावश्यक हिस्सेदारी बढ़ेगी, जिससे ४०० से अधिक ओबीसी जातियों के शिक्षा और नौकरी में अवसर कम होंगे।
आंदोलन में मांग की गई कि सरकार तत्काल जीआर रद्द करे और ओबीसी आरक्षण को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी जोर दिया कि हैदराबाद गजट में दर्ज ‘गांव/रिश्ता/गोत्र’ जैसे अस्पष्ट आधारों पर आरक्षण देना ओबीसी समाज के साथ विश्वासघात है। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो लोकतांत्रिक तरीके से पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन तेज किया जाएगा।
इस प्रदर्शन में ओबीसी संगठनों, विभिन्न जाति संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ शामिल थी। प्रमुख रूप से पप्पू देशमुख, नंदू नागरकर, संदीप गि, एड. विलास माथनकर, रामू तिवारी, प्रो. अनिल डहाके, प्रवीण पडवेकर, अजय वैरागड़े, राजू बनकर, विकास टिकेदार, सतीश भिवगड़े, शालिक फाले, सुनीता धोबे, घनश्याम वासेकर, भालचंद्र दानव, चंदा वैरागड़े, सुनीता अग्रवाल, राजेश अडुर, निलेश ठाकरे और अन्य ओबीसी नागरिक उपस्थित थे। इस आंदोलन ने ओबीसी समाज की एकजुटता और उनके हक्कों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प को दर्शाया।
Satyashodhak, obc, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan, Mandal commission
फुले - शाहू - आंबेडकर