देवास: मध्य प्रदेश के देवास जिले में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय युवा संघ (DARYS) ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, और फातिमा शेख के प्रेरणादायी जीवन पर आधारित फिल्म ‘फुले’ का भव्य प्रदर्शन किया। अभिनव सिनेप्लेक्स में आयोजित इस कार्यक्रम में दर्शकों का जनसैलाब उमड़ा, और सिनेमा हॉल खचाखच भरा रहा। इस फिल्म ने न केवल समाज सुधारकों के संघर्ष और समर्पण को जीवंत किया, बल्कि सामाजिक समता, शिक्षा, और स्वाभिमान के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया।

ज्योतिबा फुले, जिन्हें विश्व रत्न और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, ने अपने समय में स्त्री शिक्षा, जाति भेद का उन्मूलन, और समानता की अलख जगाई। उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले और सहयोगी फातिमा शेख ने भारत में शोषित और वंचित बच्चों के लिए पहला स्कूल शुरू कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया। फिल्म ‘फुले’ ने इन महानायकों की जद्दोजहद, उनके बलिदानों, और समाज को नई दिशा देने वाले कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। दर्शकों ने इस फिल्म के माध्यम से इन महापुरुषों के सपनों को समझा और उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
DARYS की इस पहल ने साबित किया कि सामाजिक बदलाव के लिए युवा शक्ति कितनी महत्वपूर्ण है। संगठन के 50 फाइटर युवाओं ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दिन-रात मेहनत की। सिनेमा हॉल को बुक कर फुले विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने का यह प्रयास न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है। कार्यक्रम में उपस्थित माता-बहनें, बच्चे, और परिवारों ने सपरिवार फिल्म का आनंद लिया और सामाजिक जागृति के इस उत्सव में हिस्सा लिया।
इस आयोजन में प्रमुख सहयोग देने वालों में श्री विजय कटेसरिया, सुशील सिंदे, संजय जाटवा, रूपेश बामनिया, लक्की पोरवाल, सुरेश अग्रवाल, प्रकाश मालवीय, जागृति ट्रेडर्स राधा परमार, चंदन चौहान, विनोद चौहान, गजेंद्र बामनिया, राकेश राठौड़, श्याम अहिरवार, राजकुमार परमार, अजय चौहान, डॉ. ललित कुमार, मुकेश मालवीय, देवराज, गौरीशंकर एरवाल, और युवा जिला पंचायत सदस्य बने सिंह अस्तेय शामिल रहे। इस पूरे कार्यक्रम की बागडोर DARYS सचिव श्री विक्की मालवीय ने बखूबी संभाली, जिनके नेतृत्व में यह आयोजन एक मिसाल बन गया।
DARYS जिला अध्यक्ष श्री हेमंत कुमार मालवीय ने सभी सहयोगियों और उपस्थित दर्शकों का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में भी इस तरह के शैक्षणिक, सामाजिक, और क्रांतिकारी आयोजन निरंतर होंगे, जो समाज में समता और जागृति का संदेश फैलाएंगे। इस कार्यक्रम ने न केवल फुले दंपती के सपनों को जीवंत रखा, बल्कि युवाओं को यह सिखाया कि एकजुट होकर समाज के लिए सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
दर्शकों ने इस अवसर पर जय भीम, जय हिंद, और जय भारत के नारों के साथ अपने उत्साह को व्यक्त किया। सभी ने प्रण लिया कि वे महापुरुषों के सपनों को साकार करने और एक समतामूलक भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे। यह आयोजन युवा क्रांति मिशन का एक जीवंत उदाहरण बन गया, जिसने देवास में सामाजिक चेतना की नई लहर पैदा की।
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फुले - शाहू - आंबेडकर