न्यूयॉर्क, 14 अप्रैल 2025: अमेरिका के प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में एक भव्य और प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस समारोह में भारतीय और अमेरिकी वक्ताओं ने हिस्सा लिया, जिसमें अमेरिकी विद्वान डॉ. कॉर्नल वेस्ट ने उपस्थित लोगों को अपने विचारों से प्रेरित किया। कार्यक्रम में डॉ. विष्णु पेरियार, बोस्टन यूनिवर्सिटी के दादासाहब तोंडले, राम गौतम, कैप्टन विजय बांबोले, डॉ. सलाम शेख, एडवोकेट दीपक चटक, और इशांत परमार जैसे प्रख्यात वक्ताओं ने हिस्सा लिया।
विशेष सम्मान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: कोलंबिया विश्वविद्यालय के लेहमन ग्रंथालय में आयोजित इस समारोह के दौरान अंबानगरी निवासी विकास तातड को न्यूजर्सी महापौर द्वारा प्राक्लेमेशन प्रदान कर सम्मानित किया गया। विकास ने अपने माता-पिता के साथ इस सम्मान को गर्व के साथ स्वीकार किया। कार्यक्रम की शुरुआत त्रिशरण और पंचशील के पाठ से हुई, जिसने समारोह को आध्यात्मिक और सामाजिक गहराई प्रदान की। लोकशाहीर संभाजी भगत के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी का मन मोह लिया, जबकि विपिन तातड ने अपने प्रभावशाली रैप प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीता। इसके अलावा, नवीनकुमार ने अपनी कविता के माध्यम से बाबासाहेब के विचारों को जीवंत किया।
जाति भेदभाव और संघर्ष पर मार्गदर्शन: मुख्य संयोजक विकास तातड ने कार्यक्रम का प्रास्ताविक प्रस्तुत करते हुए आंबेडकर जयंती के आयोजन के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को जाति भेदभाव, शोषण, और संघर्ष के खिलाफ डॉ. आंबेडकर के विचारों पर आधारित मार्गदर्शन किया। विकास ने बताया कि कोलंबिया विश्वविद्यालय में हर साल छात्रों की पहल से भीम जयंती उत्साहपूर्वक मनाई जाती है, जो बाबासाहेब के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है। डॉ. सलाम शेख ने अपने पूर्वजों के बाबासाहेब के अभियान में सहभागिता की प्रेरक कहानी साझा की, जबकि एडवोकेट दीपक चटक सहित अन्य मान्यवरों ने अपने विचारों से उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।
सांस्कृतिक और संगठनात्मक योगदान: समारोह को यादगार बनाने के लिए कैलाश कांबले और प्राजक्ता कदम ने विशेष रूप से कला और साहित्य से संबंधित सामग्री तैयार की। एयर इंडिया के 50 से अधिक कर्मचारियों ने भी इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की सफलता में कोलंबिया विश्वविद्यालय के आंबेडकरी छात्रों, जैसे आना सरदार, मैत्रिय, योगिता कांबले, पलाश, डेविड गेगे, करिश्मा मकेश्वर, प्रणाली बनसोड, आशुतोष विघ्नेश, नयन मेश्राम, श्रद्धा मेश्राम, विपिन खाडे, पूनम खाडे, और महेंद्र जाधव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आभार और सहयोग: मुख्य संयोजक विकास तातड ने कार्यक्रम को समर्थन देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अनुपमा राव, डाइवर्सिटी डीन जेनी, लेहमन लाइब्रेरी के निदेशक काकोब, और लाइब्रेरियन गैरी हॉसमन का हृदय से आभार व्यक्त किया। उनके सहयोग ने इस आयोजन को वैश्विक मंच पर एक विशेष पहचान दिलाई।
वैश्विक मंच पर बाबासाहेब का प्रभाव: यह समारोह न केवल डॉ. आंबेडकर के विचारों को वैश्विक स्तर पर ले जाने का एक प्रयास था, बल्कि जाति भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ उनकी लड़ाई को जीवित रखने का भी प्रतीक था। कोलंबिया विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में आयोजित यह कार्यक्रम दर्शाता है कि बाबासाहेब का दर्शन और उनकी शिक्षाएँ आज भी विश्व भर में प्रासंगिक हैं। यह आयोजन युवाओं, विशेष रूप से छात्रों, को सामाजिक न्याय और समानता के लिए प्रेरित करने में सफल रहा।
Satyashodhak, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan