अ.भा. अंनिस का लोकजागर कब्रिस्तान होलिकोत्सव

ग्रामीण क्षेत्रों की कलाकृतियों में मिट्टी की खुशबू : हरीश इथापे

     वर्धा - अनीस जिला शाखा द्वारा 28 वां लोकजागर होलिकोत्सव का आयोजन स्थानीय कब्रिस्तान में किया गया. इस कार्यक्रम में 'तेरव' के अवसर पर संजय इंगले तिगांवकर, प्रवीण धोपटे और पल्लवी पुरोहित ने कभी-कभी खुमासदार हुए गंभीर प्रश्न पूछकर नाट्यसिन निर्देशक हरीश इथापे के साथ एक साक्षात्कार आयोजित किया. ढाई घंटे तक चले इस इंटरव्यू में हरीश एथापे ने मराठी थिएटर, फिल्म इंडस्ट्री, नई तकनीक, किसानों की समस्याएं, एकल महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियां, वर्तमान समय की समस्याएं जैसे कई पहलुओं पर बात की. हरीश इथापे ने कहा कि तेरव कृषि, मिट्टी और महिलाओं के प्रति सम्मान जगाने वाली फिल्म है और इसमें 90 फीसदी कलाकार विदर्भ से हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि भले ही इस फिल्म की शूटिंग वर्धा, यवतमाल, अमरावती के ग्रामीण इलाकों में की गई है, लेकिन यह फिल्म उन सभी लोगों की है जिनकी नाल कृषि मिट्टी से जुड़ी हुई है. यदि सामाजिक व्यवस्था उंगली है, तो राजनीतिक व्यवस्था कील है. किसी भी बढ़े हुए और अवांछित नाखूनों को किसी भी समय हटाया जा सकता है. उसके लिए सामाजिक व्यवस्था की नाव सक्षम होनी चाहिए, ऐसा हरीश इथापे ने कहा.

Akhil Bhartiya Anadh shraddha nirmulan Samiti aayojit Lokjagar Kabristan Holi ka Utsav    इस इंटरव्यू में का सही और समय पर जवाब देने, कभी हंसाने, कभी तालियां बजाने गए सवालों और कभी दर्शकों को आत्ममंथन करने का काम हरीश इथापे ने किया. इस बार उन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान घटी मजेदार घटनाओं को पेशकर इंटरव्यू को दिलचस्प बना दिया. इथापे ने नायिका के खोए हुए जूतों की गंदगी, फिल्म में बच्चे के चेहरे पर दिखाई देने वाली अमेजन से ऑर्डर की गई चींटियां, के पास बैठे कुत्ते, कुछ शौकिया कलाकारों का अति उत्साह जैसी कई मजेदार चीजें प्रस्तुत 'कीं. हरीश इथापे ने यह भी कहा कि एक कलाकार एक कलाकार होता है, इसलिए ग्रामीण और शहरी के बीच अंतर किए बिना कलाकार और कला के काम को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह मूल रूप से एक थिएटर वर्कर हैं और अगर कोई अलग शैली की फिल्म आती है तो वह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करेंगे और मौके का फायदा उठाएंगे. कार्यक्रम में नाटककार डॉ. सुरभि बिप्लव, संजय जवादे, संगीता इंगले, कल्पना सातव पुसाटे, एड. नंदकुमार वानखेड़े सहित उपस्थित नागरिकों ने निर्देशक से फिल्म के बारे में सवाल पूछकर अपनी शंकाएं दूर की. कार्यक्रम में अनीस की युवा शाखा के प्रदेश संगठक पंकज वंजारे, जिला कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विद्या राईकवार, उपाध्यक्ष दादाराव मून, एडवोकेट केपी लोहवे, डॉ. चंदू पोपटकर, डॉ. धनंजय सोनटक्के, मुरलीधर बेलखोडे, प्रो. शेख हाशम, डॉ. सीमा पुसदकर, तालुका संगठक रवि पुन्से की मुख्य उपस्थिति रही. कार्यक्रम का परिचय नीलेश गुल्हाने ने दिया. संचालन प्रा. नीलेश बोबड़े ने प्रस्ताव रखा और दर्शन दुधाने ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

Satyashodhak, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan
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