चंद्रपुर - अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले और सवित्री फुले के जीवन पर आधारित सत्यशोधक फिल्म 5 जनवरी को रिलीज हुई थी. लेकिन जल्द ही शो को बंद कर दिया गया. एड. सातपुते, संदीप गिर्हे, नंदू नागरकर, प्रा. अनिल डहाके, एड. विलास माथनकर के प्रयासों से यह शो दोबारा शुरू किया गया. यह फिल्म न केवल महात्मा ज्योतिबा फुले की जीवन कहानी बताती है, बल्कि हमें सच्चाई की खोज भी कराती है. छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि की खोज कर उनकी पहली शिव जयंती मनाने का दृश्य दिल को छू लेने वाला है. बच्चों पर अच्छे संस्कार होने हेतु महापुरूषों के विचार बच्चों के मन में छू जाना आवश्यक है. इस सामाजिक जागरूकता को लेकर धनोजे कुनबी समाज मंडल के अध्यक्ष एड. पुरूषोत्तम सातपुते ने छात्रावास के विद्यार्थियों को सत्यशोधक फिल्म निःशुल्क दिखाई. आज की स्थिति में युवाओं को धर्म के नाम पर भड़काया जा रहा है. उस स्थिति में सत्यशोधक एक औषधि है. इसलिए सभी ने सत्यशोधक फिल्म देखना आवश्यक है ऐसा आह्वान एड. पुरूषोत्तम सातपुते, ओबीसी सेवा संघ के अध्यक्ष प्रा. अनिल डहाके, सचिव एड. विलास माथनकर, निलकंठ पावडे ने किया है.
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