शीतकालीन सत्र में सरकार ने राज्य में ओबीसी छात्रों के लिए 36 जिलों में 72 छात्रावास खोलने की घोषणा की. यह भी बताया गया कि एक माह के अंदर यह छात्रावास चालू हो जायेगा. ओबीसी कल्याण विभाग ने एक पत्र जारी कर समुदाय के छात्रों से सरकारी छात्रावासों में प्रवेश के लिए ऑफलाइन आवेदन करने को कहा है. क्योंकि इस समय सीमा के समाप्त होने के कारण गुस्सा व्यक्त किया जाने लगा है. इन आवेदनों को जमा करने की अंतिम तिथि 5 मार्च तक दी गई है. ओबीसी, बीजेएनटी, एसबीसी समुदाय शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है. उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को बड़े शहरों में रहना पड़ता है. सरकारी सुविधाओं के अभाव के कारण ये छात्र शिक्षा से दूर रहते हैं. अक्सर उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. इन छात्रों को राहत देने के लिए ओबीसी सेवा संघ और अन्य ओबीसी संगठनों ने सामाजिक न्याय विभाग की तरह ओबीसी के लिए अलग छात्रावास की मांग की. इसका संज्ञान लेते हुए 2022 के शीतकालीन सत्र में प्रदेश के सभी जिलों में लड़के व लड़कियों के लिए 100 विद्यार्थियों की क्षमता वाले दो-दो छात्रावास खोलने की घोषणा की गई. यह प्रस्ताव मंजूर के लिए विलम्ब हुआ. उसके पश्चात 2023 में मानसून सत्र में ओबीसी कल्याणमंत्री अतुल सावे ने 15 अगस्त तक छात्रावास शुरू कराने का आश्वासन दिया था. छात्रावास शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी. ओबीसी मंत्री सावे ने 15 फरवरी के बाद की समयावधि दी थी. इसे देखते हुए देखते हुए विद्यार्थियों से आवेदन मंगाए गए हैं. जिससे ओबीसी छात्रावास का मार्ग प्रशस्त हुआ.
100 सीटों का आरक्षण: छात्रावास रिक्तियों की बात करें तो अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 46 विमुक्त जति घुमंतू जनजातियों के लिए 30, विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए 05, दिव्यांगों के लिए 4, अनाथों के लिए 2, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 3 और विशेष मामलों के लिए 10 कुल 100 सीटें होंगी.
सरकार ने ओबीसी छात्रों के लिए छात्रावास प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है. ओबीसी 7200 छात्रावास चाहते हैं. लेकिन 72 में से केवल 52 छात्रावास पर ओबीसी समाज को दिए हैं. सभी छात्रों को 100% छात्रवृत्ति नहीं मिलती, तब तक ये लड़ाई जारी देशी - प्रा. अनिल डहाके, जिलाध्यक्ष, ओबीसी सेवा संघ, चंद्रपुर
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