चंद्रपुर - महाराष्ट्र में ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी समाज शैक्षणिक, सामाजिक दृष्टि से पिछड़ा है. उच्च शिक्षा के लिए जिले के विभाग के अथवा पुणे, मुंबई जैसे शहरों में रहने के लिए सरकारी सुविधाओं की कमी के कारण कई ग्रामीण, होनहार और गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित है. सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद अब तक ओबीसी विद्यार्थियों के लिए 72 छात्रावास शुरू नहीं किए गए हैं. इसलिए 12 सितंबर को संपूर्ण महाराष्ट्र में भीख मांगो सत्याग्रह करने की चेतावनी ओबीसी सेवा संघ के जिलाध्यक्ष प्रा. अनिल डहाके ने दी. इस संबंध में प्रा. डहाके ने जिलाधीश के माध्यम से सीएम, डीसीएम, वित्तमंत्री, पिछड़े बहुजन कल्याण मंत्री, सचिव को ज्ञापन भेजा..
राज्य सरकार ओबीसी समाज के विद्यार्थियों के लिए शुरू किए जाने वाले छात्रावासों को लेकर उदासीन है. इसलिए राज्य के सभी 36 जिलों में ओबीसी समाज की ओर से भीख मांगो आंदोलन कर 72 रुपए सरकार को भेजे जाएंगे. - प्रा. अनिल डहाके, जिलाध्यक्ष, ओबीसी सेवा संघ.
ज्ञापन में बताया गया कि पिछड़े प्रवर्ग, विमुक्त जाति, भटकी जनजाति व विशेष पिछड़ा प्रवर्ग के 100 लड़के व 100 लड़कियों की मर्यादा में प्रति जिला 200 इस तरह 36 जिले के लिए कुल जिला स्तर पर 2 ऐसे 72 छात्रावास शुरू किए जाने वाले थे. इस संदर्भ में कार्यन्वनय के लिए मंजूर दी गई थी. साथ ही स्वधार योजना लागू करने का घोषणा नागपुर के शीतकालीन अधिवेशन में की गई. किंतु अब तक इसकी पूर्तता नहीं हुई है. जिससे विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान होने का डर है. इस संदर्भ में उन्होंने जिलाधीश व तहसीलदार के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा. 11 सितंबर तक मांगें मंजूर नहीं होने पर 12 सितंबर को भीख मांगो आंदोलन करने की चेतावनी दी गई. इस अवसर पर जिला महासचिव एड. विलास माथनकर, डा. संजय घाटे, विश्वास बनकर, अवधूत कोठेवार, भाविक येरगुड़े, हीराचंद बोरकुटे, उज्ज्वला नलगे, कुसुम उदार, वसंत वडस्कर, सचिन उपरे, चंद्रकांत धांडे, योगेश तुरानकर, प्रलय म्हशाखेत्री, आकाश कडुकर उपस्थित थे.
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