कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर नागरिक समाज संगठनों और जन आंदोलनों के प्रतिनिधियों से संवाद करने के बाद शनिवार को देश भर के ओबीसी वर्ग के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से ओबीसी की प्रतिबद्धता जातिवार गणना, सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण पर लगाई 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन को प्रभावी करने जैसे विभिन्न लंबित मुद्दों पर राहुल गांधी के साथ चर्चा की. डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक चली चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने इन मुद्दों के समाधान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने माना कि देश में ओबीसी समुदाय के 70 करोड़ लोग टैक्स के रूप में जीएसटी भरते है, लेकिन इसकी तुलना में उन्हें अपनी हिस्सेदारी भी नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि यह समुदाय वहीं का वहीं ठहर गया है. इसलिए ओबीसी की हर हाल में जातीय जनगणना कराए जाने के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने इस पर अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी.
संगठनों के प्रतिनिधियों ने रखा पक्ष राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की पहल पर आयोजित बैठक में विभिन्न राज्यों के ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधि ने अपनी बातें रखी, जिसे राहुल ने गौर से सुना. बैठक में ऑल इंडिया बैकवर्ड फेडरेशन के राष्ट्र अध्यक्ष जस्टिस वी ईश्वसरैया, सोशल रिवोल्यूशन एलायंस के अध्यक्ष जस्टिस विरेन्द्र सिंह यादव राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के महासचिव सचिन राजूरकर, कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश चोखारे, मध्यप्रदेश के अपक्ष संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भावनेश पटेल, अमेरिका के हरी इपन्ना पलि, संविधान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रोफेसर अनिल यादव सहित कुल 37 संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.