- ज्ञानेश वाकुडकर
नाशिक येथे होऊ घातलेले तथाकथित अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन कोणत्या वैचारिक मानसिकतेच्या लोकांचे आहे, हे वेगळे सांगण्याची गरज नाही ! साहित्य निर्मितीसाठी सरोगेटेड तंत्राने गर्भार राहणाऱ्या लोकांचा हा कळप आहे. या निमित्ताने एकत्र येवून हे लोक आपसात स्वतःचे साहित्यिक
- प्रेमकुमार बोके
९४ वे तथाकथित अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन नाशिकमधे ३-४-५ डिसेंबर २०२१ ला होवू घातले आहे.डाॕ.जयंत नारळीकर हे या संमेलनाचे अध्यक्ष तर राष्ट्रवादीचे नेते छगन भुजबळ स्वागताध्यक्ष आहेत.हे संमेलन जरी मराठी माणसांच्या नावाने होत असले तरी संमेलनाची रुपरेषा पाहता संपूर्ण साहित्य
केंद्र सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी आरक्षण सिर्फ सरकारी कंपनियों में प्रभावी
देश में सरकारी कंपनियों के निजीकरण के बाद वहां काम कर रहे आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षण का फायदा नहीं मिल पाएगा। केंद्र सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है । लोकसभा में कार्ती पी चिदंबरम
रांची - राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने शिक्षा मंत्री से अपील किया है कि शिक्षा विभाग में होने वाले लगभग 1.60 लाख शिक्षकों की नियुक्ति में ओबीसी समुदाय को 50% स्थान दिया जाय। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि राज्य में पिछले 20 सालों से ओबीसी समुदाय को छलने का काम किया जा रहा है । जो
वोट समीकरण गड़बड़ाने का खतरा
जातीय जनगणना की मांग विपक्षी दलों से लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के अंदर खाने भी उठ रही है लेकिन पार्टी नेतृत्व इसके लिए किसी भी कीमत के तौर पर तैयार नहीं है । भाजपा का नेतृत्व मानता है कि ओबीसी के आंकड़े जारी होने का मतलब है कि देश में तीन दशक पूर्व की मंडल की आंधी