चंद्रपुर, ब्यूरो. 21 दिवसीय अन्नत्याग विरोध प्रदर्शन कर रवींद्र टोंगे ओबीसी समाज के आरकॉन बन गए हैं. आरक्षण बचाने के लिए फिर से आंदोलन की तैयारी में हैं. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. घर-घर में ऐसे आयकान बनने लगे हैं. अपने अधिकार के प्रति जागरूकता लानी जरूरी है. इसलिए सरकार ने किसी भी परिस्थिति में मराठा समाज को ओबीसी प्रवर्ग से आरक्षण नहीं देने की भूमिका राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के महासचिव सचिन राजुरकर ने रखी है. उन्होंने चेतावनी दी कि ओबीसी समुदाय को सरकार हल्के में लेने की गलती न करें. राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ, ओबीसी संगठन, सर्वजातीय संगठन की ओर से ओबीसी नेता रवींद्र टोंगे के वेंडली गांव से ओबीसी जागरूकता अभियान शुरू किया. इस मौके पर उन्होंने यह बात कही. अभियान का उद्घाटन राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश चोखरे ने किया. मुख्य वक्ता के रूप में ऋषभ राऊत एवं ओबीसी योद्धा रवीन्द्र टोंगे, डा. संजय घाटे, प्रेमानंद जोगी, अनिल डहाके, डा. दिलीप कांबले, दिनेश कष्टी, श्याम लेडे, देवराव सोनपित्तरे, भाऊराव झाड़े, देवा पांचभाई, गजानन कष्टी, अरुण देउलकर, एम.वी. पोटे, पांडुरंग गांवतुरे, जंगलू पांचभाई, हितेश लोडे, गोवर्धन पिपलशेंडे, उपसरपंच राजकुमार नागपुरे, बबनराव राजुरकर, गजानन कष्टी, मनीषा बोबडे, संध्या पिपलशेंडे उपस्थित थे.
जागरूक होकर आरक्षण बचाएं : ऋषभ राऊत ने कहा कि यह सभी का कर्तव्य है कि वे अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक हों और आरक्षण को बचाएं. गांव-गांव में और बस्ती-बस्ती में जाकर लोगों को अपने न्यायिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने की बात पर उन्होंने जोर दिया. प्रणाली मुसले ने प्रस्तावना रखी. अभियान के उद्घाटन का संचालन गौरी मोहितकर ने किया. आभार मैथली देवालकर ने माना. अभियान को वेंडली से रंजीत पिंपलशेंडे, वैभव क्षीरसागर, दीपक पिंपलशेंडे, अमित टोंगे, विशाल धाबेकर, नंदकिशोर टोंगे, प्रकाश चालुरकर, सुमित देवालकर, गौरव देवालकर, उदय टोंगे, अविनाश टोंगे, सूरज देवालकर, अनिकेत पिंपलशेंडे, राहुल चालुरकर, संजय देवालकर, राकेश धांडे, श्रीकृष्ण देवालकर, सतीश पांचभाई, आशीष देवालकर, सारंग पिंपलशेंडे, आशीष पांचभाई आदि उपस्थित थे.
बीत गया आधा सेमिस्टर, छात्रावास का पता नहीं
राजुरकर ने कहा कि आधा सेमिस्टर बीत जाने के बाद भी हर जिले में ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास शुरू नहीं हुए हैं. होस्टल नहीं तो कम से कम आधार योजना लागू कर ओबीसी विद्यार्थियों को राहत देना जरूरी था.
सरकार हर काम में देरी की नीति अपना रही है. महाराष्ट्र सरकार को बिहार की तर्ज पर जातिवार सर्वेक्षण कराना चाहिए. इससे ओबीसी और सरकार को सही स्थिति का पता चल जाएगा.
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan, Mandal commission