राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन चांदपुर स्थित एक लॉन में सम्पन्न हुआ । अधिवेशन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कई राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हए । कार्यक्रम में जाति आधारित जनगणना और ओबीसी की जाति आधारित जनगणना संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी तथा ओबीसी को पट्रोसिटी प्रिवेंशन एक्ट लागू कराने की मांग पूरे जोर शोर से उठायी गयी । कार्यक्रम का उद्घाटन नंदकुमार बवेल (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय कुर्मी महासभा एवं छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री के पिता) ने किया ।
अध्यक्षीय सम्बोधन देश के जाने माने बहुजन लीडर वामन मेश्राम ने किया। मुख्य मार्गदर्शक चौधरी, विकास पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा एवं मुख्य अतिथि प्रो. जनार्दन यादव रहे। वामन मेश्राम ने कहा कि देश में पिछडे वर्गको अधिकार वंचित किया गया है। मंडल कमीशन लागू करने में ओबीसी से धोखेबाजी हुई । पिछड़े वर्गो को अपने हक अधिकार के लिए जागृत करना होगा । उन्होंने कहा कि देश में संविधान और लोकतंत्र को समाप्त करने की सजिश आरएसएस के द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इसलिए छह अक्टूबर को वे पांच लाख लोगों का मोर्चा लेकर नागपुर आरएसएस हेडक्वार्टर पर जायेंगे । कार्यक्रम के उद्घाटन करते हुए नंदकुमार बघेल ने कहा कि देश में पिछड़े वर्ग, किसान, मजदूर महिलाओं का उत्पीडन हो रहा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी, एसटी, एससी को एकजुट होकर लड़ाई लड़ना होगा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल ने कहा कि देश में आजादी के 75 वर्षों में जानवरों की गिनती हुई, मगर ओबीसी की गिनती नहीं हुई । उन्होंने कहा कि देश में एक
ओबीसी प्रधानमंत्री होने के बावजूद ओबीसी की गिनती न होना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह ओबीसी के साथ धोखेबाजी है। उन्होंने कहा कि इस धोखेबाजी के विरोध में तथा जाति आधारित जनगणना तथा संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी की मांग को लेकर छह अक्टूबर को वामन मेश्वाम द्वारा घोषित आरएसएस हेडक्वार्टर घेरों आंदोलन में राष्ट्रीय पिण्य वर्ग मोचा लाखो की संख्या लेकर शामिल होगा। इसके साथ ही साथ 28 नवंबर को भारत बंद भी किया जायेगा। अधिवेशन में राष्ट्रीय प्रभारी चांद मोहम्मद, राष्ट्रीय महासचिव राजाराम प्रजापति, राष्ट्रीय महासनिव सियाराम राजभर, सिद्धान्त मौर्य, जिलाध्यक्ष विक्रम पटेल समेत अन्य लोग मौजूद रहे ।
Satyashodhak, obc, Mahatma phule, dr Babasaheb Ambedkar, Bahujan