बावनकुले ने मविआ को लिया आड़े हाथ
नागपुर - माजी मंत्री विजय वडेट्टीवार द्वारा यह स्वीकार करने के बाद कि ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा तैयार करने के लिए गठित बांठिया आयोग सरनेम के आधार पर गलत डेटा एकत्र कर रहा है, पर पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्र शेखर बावनकुले ने आरोप लगाया है कि दरअसल मविआ सरकार की नीयत ही ओबीसी को आरक्षण देने की नहीं है, इसलिए जानबूझकर गलत डेटा न्यायालय में पेश करने का प्रयत्न चल रहा. यह सरकार फिर टाइमपास कर स्थानीय निकाय चुनाव कराना तय कर चुकी है. इसे ओबीसी को आरक्षण नहीं देना है. उन्होंने कहा कि जब आयोग द्वारा गलत डेटा जमा किया जा रहा है तो क्या सरकार सो रही है. पहले छगन भुजबल और अब वडेट्टीवार ने कबूल किया है कि देवेंद्र फडणवीस सही कह रहा थे कि एम्पिरिकल डेटा गलत पद्धति से तैयार किया जा रहा, तब सरकार में बैठे मंत्री क्या कर रहे हैं. केवल टाइमपास किया जा रहा है.
सरकार के अधीन फिर गलती कैसे
बावनकुले ने सवाल किया कि आयोग सरकार के अधिकार में काम कर रहा है तो फिर गलती कैसे हो रही है. क्या सरकार में बैठे मंत्री आयोग को गलती कर टाइमपास करने को कह रहे हैं. आयोग को राज्य का दौरा करने को कहा गया, जबकि इसकी जरूरत नहीं थी. जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया उसी दिन से एम्पिरिकल डेटा तैयार करने का काम शुरू करना चाहए था. अब लोगों के सरनेम को जाति लिखेंगे और कल कोई आक्षेप लिया तो डेटा खराब होगा, काम का नहीं रहेगा. सरनेम के आधार पर डेटा तैयार करने का सिस्टम अत्यंत गलत है. सुको ने डेटा कैसे तैयार करना इस संदर्भ में मार्गदर्शक सूचना दी है लेकिन ओबीसी आयोग उस पर ध्यान नहीं दे रहा है. जैसा मध्य प्रदेश सरकार ने डेटा तैयार किया उस तरह से किया जाना था लेकिन 3 वर्ष से यह सरकार टाइमपास कर रही है. इससे स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण खतरे में आ गया है.
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