देश में सरकारी कंपनियों के निजीकरण के बाद वहां काम कर रहे आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षण का फायदा नहीं मिल पाएगा। केंद्र सरकार ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है । लोकसभा में कार्ती पी चिदंबरम की ओरसे पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने बताया कि आरक्षण की नीति सिर्फ सरकारी कंपनियों में ही लागू है। रणनीतिक विनिवेश के बाद कोई कंपनी सरकारी नहीं रह जाती है तो इसका फायदा आरक्षण का लाभ ले रहे कर्मचारियों को भी नहीं मिलेगा। वित्त मंत्रालय से यह सवाल खासतौर पर भारत पेटोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल के प्रस्तावित निजीकरण और विनिवेश के बाद इसमें आरक्षित पदों में कमी को लेकर पूछा गया था। सरकार ने बताया कि रणनीतिक विनिवेश के बाद बीपीसीएल सरकारी कंपनी नहीं रह जाएगी। आरक्षण नीति केवल सरकारी कंपनियों में ही लागू है।
सरकार की तरफ से यह भी बताया गया है कि देश में 31 मार्च 2021 तक केंद्रीय सरकारी लोक उद्यमों यानी सीपीएसई में कुल 9.19 लाख कर्मचारी कार्यरत थे।
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