सामाजिक महापरिवर्तन गठबंधन के बैनर तले लखनऊ के दारुल सफा सभागार में जातीय जनगणना सहित पांच मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें देश व उत्तर प्रदेश के कई संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के 10 बड़े शहरों में जाति जनगणना के पक्ष में बड़े प्रदर्शन और जनसभा करने पर सहमति बनी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि देश में कोई भी निर्णय जाति को परिधि में लेकर ही लिया जाता है. भारत के हर नागरिक को उसका हक-अधिकार जाति के आधार पर मिलता है. हम केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी की जाति जनगणना को लेकर दिये गये हलफनामा की निंदा करते हैं. इस मौके पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि झारखंड में मोर्चा के लगातार आंदोलनों का प्रतिफल है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी दलों को साथ लेकर केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर देश में जाति जनगणना कराने की मांग की है. जब तक केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने की घोषणा नहीं करता है, तब तक राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा चैन से नहीं बैठेगा. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा झारखंड में बड़े आंदोलन की राह पर है. उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दु प्रसाद ने कहा कि जातीय जनगणना कराने व देश में समान शिक्षा लागू कराने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में राज्य की जनता को गोलबंद कर बड़ा आंदोलन किया जायेगा. वरिष्ठ अधिवक्ता जेएस कश्यप, शिव प्रसाद साहू, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राजीव रंजन, डीयू के प्रोफेसर अवधेश कुमार, बिहार के प्रोफेसर हीरालाल, मिथिलेश प्रसाद सहित कई प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे.