किसानों के मसीहा थे छोटूराम, सरदार पटेल ने उनके बारे में कही थी ये खास बात. चौधरी सर छोटूराम जी का जन्म 24 नवंबर, 1881 में झज्जर, हरियाणा के एक छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण परिवार में हुआ था. उन्होंने ब्रिटिश शासन में किसानों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने के लिए जाना जाता था. वे पंजाब प्रांत
क्या विज्ञान की तरक्की से अंधविश्वास खत्म हो रहा है? यदि 7 दिन के लिए विज्ञान की बनाई हुई वस्तु को बंद कर दिए तो क्या होगा? आज विज्ञान का प्रकाश सभी तरफ तेजी से फैल रहा है लेकिन क्या इस आधुनिक कहे जाने वाले समाज से अंधविश्वास का अंधेरा खत्म हो रहा है? यह सवाल अंधविश्वास से छुटकारा पाने वाले हर एक व्यक्ति
राजतंत्र उसे कहते थे जब तलवार के दम पर राज होता था, जो ताकतवर होता था, संगठित होता था, जिनके पास छल, बल की राजनीति होती थी। वही लोग राजतंत्र मे राज करते थे कि हम ही ताकतवर हैं इसलिए हम ही तुम्हारे ऊपर राज करेगें हम ही निर्धारित करेगें कि तुम्हें कितना रोजगार देना चाहिए? तुम्हें क्या खाना चाहिए, तुम्हें क्या
सतीश जामोदकर
मोर्शी अमरावती जिल्ह्यातील सत्यशोधक ब्राम्हणेत्तर चळवळीचा एकेकाळी बालेकिल्ला होता. ज्याप्रमाणे जुन्या ईलिचपूर नवीव भाषेत अचलपूर आणि आजचा त्यातील काही भाग चांदूरबाजार तालुक्यात समाविष्ट असलेला सत्यशोधक चळवळीचा बालेकिल्ला होता. तसाच त्याला लागून अल- सेला मोर्शी तालुका यातील
कोल्हापुरातील सत्यशोधक चळवळीने महाराष्ट्राला प्रगतिशील विचारांचे नवे परिमाण दिले. सत्यशोधक समाजाच्या स्थापनेला आता दीडशे वर्षे पूर्ण होत आहेत. त्यानिमित्त कोल्हापुरातील सत्यशोधक चळवळीचा घेतलेला परामर्श. - प्रा. डॉ. अरुण शिंदे
करवीर सत्यशोधक समाजाची स्थापना १९११ ला झाली. भास्करराव