नऊ दिवस महान स्त्रीयांवर प्रबोधनाचे कार्यक्रम - आलेसूर गावात क्रांतिकारी नवरात्रोत्सव

Nau Divas Mahan Stree prabodhan par karyakram     कळमेश्वर, ता. ११ तालुक्यातील आलेसूर गाव. लोकसंख्या दोनशेच्या आत, गावात बहुजन समाजांची घरे. पण हे गाव सद्या जिल्ह्यात सद्या चर्चेला आले आहे. कारण काय तर क्रांतिकारी व आगळावेगळा असा नवरात्र उत्सव साजरा करण्यात गावकऱ्यांनी पुढाकार घेतला. या उत्सवातून तरुणांनी सर्वांचे प्रबोधन घडवून आणले.    सद्या

दिनांक 2022-09-29 08:29:44 Read more

पिछड़े वर्ग को अधिकार से वंचित किया : वेमान मेश्राम

Deprived of rights to backward classes - Veman Meshramदेश में पिछड़े वर्ग को अधिकार चित किया गया है मण्डल कमीशन लागू करने में ओबीसी के साथ धोखेबाजी हुई।     वाराणसी । राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन वाराणसी में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के 22 राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में

दिनांक 2022-09-29 08:17:30 Read more

ओबीसी महासंघ की मांग, 20% सीटें बढ़ाए - फीस बढ़ोतरी रद्द करे विवि

Demand for OBC federation increase 20 percentage seats - cancel the fee hike     नागपुर - राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने शिक्षा शुल्क में 20 फीसदी की वृद्धि की है. इसका सभी स्तर पर विरोध किया जा रहा है. शुल्क वृद्धि को रद्द करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय ओबीसी विद्यार्थी महासंघ की ओर से उपकुलपति सभाष चौधरी को ज्ञापन दिया गया. साथ ही एमकॉम व एमएससी में 20 फीसदी सीटें

दिनांक 2022-09-28 01:38:33 Read more

राष्ट्रीय पिछड़ा मोर्चा अधिवेशनः जाति आधारित जनगणनाकी मांग उठाई

Rashtriya pichda morcha adhiveshan jati adharit janganana ki Mang uthaiपिछड़ों, मजदूरों व किसानों का देश में हो रहा उत्पीड़न 6 अक्तूबर को आरएसएस कार्यालय घेरने की तैयारी      वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय पिछड़ा मोर्चा के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में 22 राज्यों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर से जाति आधरित जनगणना और जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी की मांग की ।    

दिनांक 2022-09-28 12:17:42 Read more

सामाजिक लोकशाही देशात रुजलीच नाही प्रा. डॉ. समिना दलवाई : विवेक व्याख्यानमालेत प्रतिपादन

Social democracy has not taken root in the country Prof Dr Samina Dalwai     नाशिक, ता. २० : या देशात अगदी प्राचीन काळापासून मनुवादाची नियमावली लागू होती. तिचा प्रभाव आजही समाजमनावर आहे. त्यामुळे स्वातंत्र्यानंतर देशात लोकशाही आली असे आपण मानत असलो, तरी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर आणि तत्कालीन समाजधुरिणांना अपेक्षित असलेली सामाजिक लोकशाही अद्याप या देशात रुजलेलीच नाही. असे प्रतिपादन

दिनांक 2022-09-27 11:57:16 Read more

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