भारतीय पिछडा ओबीसी शोषित संघटन नई दिल्ली संलग्न सातारा जिल्हा ओबीसी संघटना सातारा जिल्हा अधिवेशन रविवार दि. ०४/०६/२०२३ रोजी सकाळी १० ते ५ वा. स्थळ : संत गाडगे महाराज समाज सेवा संस्था, कामाठीपुरा, वाय. सी. कॉलेजसमोर, सातारा.
सत्र १ ले वेळ : स. १० ते १२ वा. - उद्घाटक मा. सुषमाताई अंधारे म. फुले,
बबनराव तायवाडे : लवकरच महासंघाच्या सिंधुदुर्ग जिल्ह्यातील पदाधिकाऱ्यांची निवड होणार
कुडाळ : 'जो ओबीसी की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा' असे म्हणत ओबीसी महासंघाचे राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबन तायवाडे यांनी जातीपातीमध्ये न विभागता ओबीसी म्हणून एकत्र यावे. आपल्या न्याय हक्कासाठी जर एकत्र आलो तर कोणताही
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अस्पृश्यता और अराजकता
बहुत से लोगों को इस बात पर आश्चर्य होता है कि जिस व्यवस्था में इतनी ढेर सारी असमानताएं हों, वह अब तक जीवित कैसे रही है। कौन से ऐसे तत्व है, जो इसे पुष्ट करते हैं ? जो तत्व इस व्यवस्था को पुष्ट करते आएं हैं, उनमें सबसे महत्वपूर्ण तत्व है हिंदुओं का इसे हर कीमत पर बनाए रखने का संकल्प।
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अस्पृश्यता - उसका स्रोत
ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अस्पृश्यों की दयनीय स्थिति से दुखी हो यह चिल्लाकर अपना जी हल्का करते फिरते हैं कि 'हमें अस्पृश्यों के लिए कुछ करना चाहिए।' लेकिन इस समस्या को जो लोग हल करना चाहते हैं, उनमें से शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो यह कहता हो कि 'हमें स्पृश्य हिंदुओं को
रानाडे, गांधी और जिन्ना - लेखक - डॉ. भीमराव अम्बेडकर
18 जनवरी, 1943 को पूना के गोखले मेमोरियल हॉल में
महादेव गोविंद रानाडे
के 101 वें जयंती समारोह में दिया गया भाषण
1943 में पहली बार प्रकाशित
1943 में संस्करण का पुनर्मुद्रण
प्रस्तावना
पूना की दकन सभा ने मुझे स्वर्गीय न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानाडे के