पिछड़ों, मजदूरों व किसानों का देश में हो रहा उत्पीड़न 6 अक्तूबर को आरएसएस कार्यालय घेरने की तैयारी
वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय पिछड़ा मोर्चा के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में 22 राज्यों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर से जाति आधरित जनगणना
और जनसंख्या के आधार पर हिस्सेदारी की मांग की ।
नाशिक, ता. २० : या देशात अगदी प्राचीन काळापासून मनुवादाची नियमावली लागू होती. तिचा प्रभाव आजही समाजमनावर आहे. त्यामुळे स्वातंत्र्यानंतर देशात लोकशाही आली असे आपण मानत असलो, तरी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर आणि तत्कालीन समाजधुरिणांना अपेक्षित असलेली सामाजिक लोकशाही अद्याप या देशात रुजलेलीच नाही. असे प्रतिपादन
वाराणसी । राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन वाराणसी उत्तरप्रदेश में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ इस अधिवेशन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के 22 राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में जाति आधारित जनगणना और ओबीसी की जाति आधारित जनगणना संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी तथा
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रथम अधिवेशन सम्पन्न
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन चांदपुर स्थित एक लॉन में सम्पन्न हुआ । अधिवेशन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कई राज्यों से प्रतिनिधि शामिल हए । कार्यक्रम में जाति आधारित जनगणना और ओबीसी की जाति आधारित जनगणना
राष्ट्रीय ओबीसी किसान महासंघ आयोजित 'ओबीसी किसान संमेलन' मंगळवार दि. २७/०९/२०२२ वेळ : सकाळी १०.०० वाजता स्थळ : श्री क्षेत्र चांगापूर देवस्थान, वलगाव रोड, अमरावती. कार्यक्रमाचे अध्यक्ष मा.प्रा.डॉ. बबनराव तायवाडे राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ स्वागताध्यक्ष मा.श्री.प्रकाश साबळे राष्ट्रीय